28 July Stock Market Crash: निफ्टी-सेंसेक्स में भारी गिरावट, निवेशकों को ₹3.82 लाख करोड़ का झटका
आज 28 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई है। सेंसेक्स 572 अंक से ज़्यादा और निफ्टी 156 अंक से ज़्यादा गिरकर बंद हुए। निवेशकों की संपत्ति में लगभग 3.82 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
आज की इस गिरावट के तीन मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
1. कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे (Weak Quarterly Earnings)
आज कई बड़ी कंपनियों ने उम्मीद से खराब तिमाही नतीजे (Q1) घोषित किए हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है।
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank): बैंक के एकीकृत शुद्ध लाभ में भारी गिरावट आई है। साथ ही, उसके खुदरा वाणिज्यिक वाहन (retail CV) ऋण पोर्टफोलियो और माइक्रोफाइनेंस व किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋणों में तनाव देखने को मिला है। इन खराब नतीजों के कारण कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में लगभग 7% की बड़ी गिरावट आई, जिसका असर पूरे बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र पर पड़ा।
बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance): इस कंपनी के शेयर में भी 3.58% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे वित्तीय सेवा सूचकांक पर और दबाव पड़ा।
CDSL और Lodha Developers जैसी अन्य कंपनियों के शेयरों में भी कमजोर Q1 परिणामों के बाद गिरावट देखी गई। जब बड़ी कंपनियों का मुनाफा घटता है, तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, जिससे बाजार में बिकवाली का माहौल बनता है।
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2. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली (Continued FII Outflows)
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं।
आज भी विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रही, जिसने बाजार पर अतिरिक्त दबाव डाला। पिछले चार कारोबारी सत्रों में FIIs ने भारतीय इक्विटी में ₹11,572 करोड़ से ज़्यादा की शुद्ध बिकवाली की है।
जब विदेशी निवेशक भारी मात्रा में शेयर बेचते हैं, तो बाजार में शेयरों की आपूर्ति बढ़ जाती है और कीमतें गिरती हैं। यह स्थिति भारतीय रुपये पर भी दबाव डालती है।
3. भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में गतिरोध और आईटी सेक्टर में छंटनी (Stalled India-US Trade Talks and IT Sector Layoffs)
कुछ अन्य वैश्विक और घरेलू कारकों ने भी बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है:
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ को लेकर बातचीत अभी भी अटकी हुई है, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 1 अगस्त की समय सीमा करीब आ रही है। इस अनिश्चितता से निवेशकों में चिंता बढ़ रही है।
आईटी सेक्टर में खराब खबरें आई हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने कुल वर्कफोर्स के लगभग 2% यानी 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बनाई है। यह खबर आईटी कंपनियों के शेयरों पर दबाव डाल रही है, जिससे व्यापक बाजार में भी नकारात्मकता फैली है। टीसीएस ने राजस्व में 3.3% की गिरावट भी दर्ज की है।
इन सभी कारणों के संयोजन ने आज भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट दर्ज कराई है। और भी कारण हो सकते हैं।