📊 FII DII Data Today (9–14 July 2025): Indian Stock Market में Institutional निवेश की चाल
Indian stock market में हर दिन की direction को समझने के लिए fii data और dii data today का विश्लेषण ज़रूरी होता है। इस हफ्ते (9 जुलाई से 14 जुलाई तक), NSE, BSE और MSEI के Capital Market Segment में institutional निवेशक बेहद एक्टिव रहे। आइए समझते हैं कि इस activity का Nifty पर क्या असर पड़ा।
9 जुलाई को FII/FPI ने ₹77 करोड़ की हल्की खरीदारी की, जबकि DII यानी घरेलू निवेशकों ने ₹920.83 करोड़ का मजबूत निवेश किया। Nifty ने 25,476.10 पर क्लोज किया, जो एक स्थिर शुरुआत थी।
10 जुलाई को FII ने ₹221.60 करोड़ की खरीदारी की और DII ने ₹591.33 करोड़ का निवेश जारी रखा। इस दिन Nifty थोड़ा गिरकर 25,355.25 पर बंद हुआ, जिससे साफ़ हुआ कि भारी खरीदी के बावजूद बाजार में थोड़ा दबाव बना हुआ था।
11 जुलाई को बाजार में बड़ा झटका देखने को मिला। FII/FPI ने ₹5,104.22 करोड़ की बिकवाली की जो पूरे हफ्ते की सबसे बड़ी सेलिंग थी। हालांकि DII ने ₹3,558.63 करोड़ की खरीदारी से बाजार को काफी हद तक संभाल लिया। इसके बावजूद Nifty गिरकर 25,149.85 पर क्लोज हुआ।
14 जुलाई को FII ने फिर से ₹1,614.32 करोड़ की बिकवाली की, जबकि DII ने ₹1,787.68 करोड़ की खरीदारी की। Nifty इस दिन 25,082.30 पर बंद हुआ, जो एक सीमित गिरावट को दर्शाता है।
पिछले दिनों की Fii की गतिविधि को जाने ग्राफ के माध्यम से एक क्लिक में।
📈 FII DII Data Today: क्या संकेत दे रहा है यह ट्रेंड?
इस हफ्ते का डेटा दिखाता है कि fii data में तेजी से बिकवाली का सिलसिला शुरू हुआ है, खासतौर पर 11 और 14 जुलाई को। दूसरी ओर, dii data today दर्शाता है कि घरेलू निवेशक बाजार के गिरते स्तरों पर विश्वास दिखा रहे हैं और लगातार निवेश कर रहे हैं।
बाजार में विदेशी निवेशक फिलहाल cautious दिख रहे हैं, जबकि घरेलू निवेशक dip-buying की रणनीति पर चल रहे हैं। इसका असर सीधे Nifty के क्लोजिंग पर देखने को मिला, जो धीरे-धीरे गिरता रहा।
💡 Investor के लिए क्या हैं मायने?
- अगर आप short-term ट्रेडिंग करते हैं, तो fii data को daily ट्रैक करना बेहद ज़रूरी है।
- Long-term निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि DII का consistent निवेश बाजार में एक बेस बना सकता है।
- जो भी निवेशक Technical indicators का उपयोग करते हैं, उन्हें fii dii data today के साथ cross-check ज़रूर करना चाहिए।
🧭 Conclusion :
इस सप्ताह का Institutional ट्रेडिंग ट्रेंड यह साफ़ करता है कि बाजार में फिलहाल tug-of-war जैसी स्थिति है। एक ओर भारी FII बिकवाली, दूसरी ओर मजबूत DII सपोर्ट। इस वजह से Nifty ने directional clarity नहीं दिखाई।
अगर Indian stock market में FII का sentiment सुधरता है, तो आगे चलकर Nifty में bounce-back की उम्मीद की जा सकती है। जब तक बिकवाली जारी है, market में सतर्कता जरूरी है।
desclemer : यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। हमें हमारे निजी विचार अभिव्यक्त किया है नहीं के कोई निवेश सलाह । शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। आपका लॉस या प्रॉफिट आपकी जिम्मेदारी।