FII DII Data Today - Sector Wise Fii data and  Stock market Analysis, stocks list,top stock

FII DII Data Today - Sector Wise Fii data and Stock market Analysis, stocks list,top stock

FII Data Today & FPI Data: 22 May 2025 Indian Share Market Analysis – What Foreign Investors Are Doing?

Fiidiidatatoday.in
0

22 मई 2025: सात प्रमुख सेगमेंट में FII और FPI निवेश का गहन विश्लेषण – भारतीय शेयर बाजार की नब्ज और भविष्य की दिशा

परिचय
भारतीय शेयर बाजार, अपनी निरंतर बदलती गतिशीलता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका के कारण, दुनियाभर के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस परिप्रेक्ष्य में, FIIs (Foreign Institutional Investors) और FPIs (Foreign Portfolio Investors) की गतिविधियां बाज़ार की दिशा और गति का संकेत देने वाले प्रमुख संकेतक बन चुके हैं।


FII data today और FPI data today का गहन विश्लेषण निवेशकों, विश्लेषकों, नीति निर्माताओं और बाजार के जानकारों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि विदेशी पूंजी कहां प्रवाहित हो रही है, कौन से सेगमेंट में विदेशी निवेशकों की रुचि है, और भारतीय वित्तीय प्रणाली में उनका भरोसा कितना गहरा है।

यह लेख 22 मई 2025 के FII/FPI निवेश डेटा पर आधारित है, जिसमें सात प्रमुख सेगमेंट में उनके निवेश के रुझानों को समझाया गया है। सेगमेंट्स में शामिल हैं:
Equity (स्टॉक एक्सचेंज), प्राइमरी मार्केट, डेब्ट - सामान्य सीमा, डेब्ट - वीएम, हाइब्रिड, म्यूचुअल फंड्स, और AIFs (वैकल्पिक निवेश फंड)।




1. इक्विटी - स्टॉक एक्सचेंज सेगमेंट: भारतीय शेयर बाजार की आत्मा

डेटा सारांश (22 मई 2025):

  • खरीद: ₹13,479.57 करोड़

  • बिक्री: ₹11,237.12 करोड़

  • शुद्ध प्रवाह: ₹2,242.45 करोड़

यह मजबूत सकारात्मक शुद्ध प्रवाह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों और अर्थव्यवस्था में गहरा विश्वास रखते हैं।

प्रमुख कारण हो सकते है ! :

  • कॉर्पोरेट आय में वृद्धि: बेहतर तिमाही नतीजे और भविष्य की ग्रोथ की उम्मीद।

  • राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता: नियंत्रित मुद्रास्फीति और मैक्रोइकोनॉमिक मजबूती।

  • वैश्विक तरलता का प्रवाह: भारत जैसे उभरते बाजारों में अधिक रिटर्न की संभावना।

  • संरचनात्मक सुधार: व्यापार सुधार, बुनियादी ढांचा विकास और पारदर्शिता में वृद्धि।

  • घरेलू मांग का समर्थन: बढ़ती मध्यवर्गीय आबादी और खपत क्षमता।

निष्कर्ष:
FII data से स्पष्ट है कि इक्विटी सेगमेंट विदेशी निवेशकों के लिए प्राथमिक पसंद बना हुआ है।

#  इक्विटी - प्राइमरी मार्केट और अन्य सेगमेंट: भविष्य की कंपनियों में विश्वास

डेटा सारांश (22 मई 2025):

  • खरीद: ₹56.45 करोड़

  • बिक्री: ₹26.66 करोड़

  • शुद्ध प्रवाह: ₹29.79 करोड़

मुख्य बातें:  

यह निवेश नए आईपीओ, IPO और अन्य अवसरों में भागीदारी को दर्शाता होने की संभावना है ।

यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक उभरती कंपनियों और स्टार्टअप्स में भी रुचि रखते हैं।

यह दीर्घकालिक निवेश प्रवृत्ति का संकेत है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की भविष्य की क्षमता पर भरोसे को दिखाता है।


2. ऋण - सामान्य सीमा सेगमेंट: स्थिरता की ओर झुकाव

डेटा सारांश (22 मई 2025):

  • खरीद: ₹183.98 करोड़

  • बिक्री: ₹131.37 करोड़

  • शुद्ध प्रवाह: ₹52.61 करोड़

मुख्य विश्लेषण:

  • विदेशी निवेशकों द्वारा सतर्क लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया है।

  • ब्याज दरों की स्थिरता और महंगाई नियंत्रण की उम्मीदों के चलते यह प्रवाह हुआ है।

  • यह सेगमेंट जोखिम कम करने और पोर्टफोलियो विविधता के लिए उपयोगी माना जाता है।

3. ऋण - आरक्षित सीमा सेगमेंट: स्थिरता और विश्वास का प्रतीक

ऋण का यह उप-सेगमेंट विशेष रूप से आरक्षित सीमा के अंतर्गत आता है, जहां केवल योग्य निवेशकों को ही निवेश की अनुमति होती है। यह सेगमेंट विदेशी संस्थागत निवेशकों के बीच एक सुरक्षित और अपेक्षाकृत स्थिर निवेश विकल्प के रूप में जाना जाता है।

22 मई 2025 को ऋण - आरक्षित सीमा सेगमेंट में निवेश गतिविधि निम्नलिखित रही:

  • खरीद (Purchases): 1128.11 करोड़ रुपये

  • बिक्री (Sales): 646.81 करोड़ रुपये

  • शुद्ध प्रवाह (Net Flow): 481.37 करोड़ रुपये


यह 481.37 करोड़ रुपये का सीमित लेकिन सकारात्मक शुद्ध प्रवाह यह इंगित करता है कि भले ही विदेशी निवेशक अभी बड़े पैमाने पर आक्रामक  हो रहे हैं, फिर भी वे इस संरक्षित क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। यह दर्शाता है कि भारत का बॉन्ड बाजार उन निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है जो लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं।

इसके पीछे संभावित कारण हैं हो सकते है।:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में अपेक्षाकृत बेहतर ब्याज दरें

  • वैश्विक अस्थिरता के बीच भारतीय बॉन्ड बाजार की स्थिरता

  • मुद्रा जोखिम को हेज करने की सुविधा और नियामक पारदर्शिता



4. ऋण - पूर्ण सुलभ मार्ग (FAR) सेगमेंट: : धन निकासी और इसके अंतर्गत मौजूद जोखिम


भूमिका: भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने और सरकारी प्रतिभूति बाजार को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से पूर्ण सुलभ मार्ग (Fully Accessible Route - FAR) की शुरुआत की गई थी। इस व्यवस्था के तहत कुछ चयनित सरकारी बॉन्ड्स में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) को बिना किसी निवेश सीमा के भाग लेने की अनुमति है।

FAR का लक्ष्य था:

भारत को वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में सम्मिलित करना

विदेशी पूंजी का स्थायी और पारदर्शी प्रवाह सुनिश्चित करना

दीर्घकालिक निवेश विश्वास को मजबूत करना


FAR सेगमेंट में गतिविधियां:


कुल खरीदी: ₹938.00 करोड़

कुल बिक्री: ₹2,071.75 करोड़

शुद्ध प्रवाह: ₹(1,133.75) करोड़ (नकारात्मक)


प्रमुख निष्कर्ष:

22 मई 2025 को FAR सेगमेंट में ₹1,133.75 करोड़ का शुद्ध नकारात्मक प्रवाह दर्ज किया गया। यह भारतीय ऋण बाजार में विदेशी निवेशकों की भागीदारी में अस्थायी गिरावट को दर्शाता है। रिपोर्टिंग अवधि के दौरान यह गिरावट विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:


(1.) पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन और लाभ बुकिंग

FAR बॉन्ड्स में निवेशकों द्वारा पूर्व लाभ की वसूली अथवा पोर्टफोलियो में विविधीकरण की रणनीति अपनाई गई हो सकती है। यह कदम वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए जोखिम प्रबंधन के तहत लिया गया प्रतीत होता है।


( 2.)अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड यील्ड में वृद्धि

संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों में सरकारी बॉन्ड प्रतिफलों में तेजी आने के कारण भारत जैसे उभरते बाजा रों में निवेश आकर्षण कमजोर पड़ सकता है।


(3.) वैश्विक मौद्रिक सख्ती (Monetary Tightening)

वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में वृद्धि और तरलता को कम करने की केंद्रीय बैंकों की नीति, निवेशकों को जोखिम-रहित बाजारों की ओर ले जाती है। इससे उभरते बाजारों में पूंजी की निकासी बढ़ जाती है।


(4.) घरेलू आर्थिक अनिश्चितताएं

भारत में संभावित मुद्रास्फीति दबाव, राजकोषीय घाटा, तथा चुनावी गतिविधियों जैसी स्थितियां निवेशकों को सतर्क बना सकती हैं। किसी भी नीतिगत घोषणा या आर्थिक आंकड़े की अप्रत्याशितता निवेश निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।


(5.) कमोडिटी मूल्यों में अस्थिरता

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे कारक भारत जैसे आयात-निर्भर देशों की अर्थव्यवस्था पर दबाव बना सकते हैं, जिससे विदेशी निवेशकों की ऋण प्रतिभूतियों में रुचि प्रभावित हो सकती है।


निष्कर्ष:

FAR सेगमेंट में दर्ज हुआ यह नकारात्मक प्रवाह, विदेशी निवेशकों के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है। यह रुझान भारतीय बॉन्ड बाजार की वैश्विक पूंजी प्रवाह के प्रति संवेदनशीलता को रेखांकित करता है। हालांकि यह एकदिवसीय गतिविधि है, लेकिन इसके पीछे मौजूद कारकों की निगरानी आवश्यक है। नीति निर्धारकों को इस प्रवृत्ति को समझने और निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने हेतु उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।


5. हाइब्रिड सेगमेंट: विविधता और संतुलन का नया विकल्प

हाइब्रिड सेगमेंट वह क्षेत्र है जहां इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण होता है, जो निवेशकों को संतुलित जोखिम और रिटर्न का संयोजन प्रदान करता है। यह सेगमेंट विशेष रूप से उस समय आकर्षक होता है जब बाजार में अस्थिरता होती है।

22 मई 2025 को हाइब्रिड सेगमेंट में यह आंकड़े सामने आए:

  • खरीद (Purchases): 2.20 करोड़ रुपये

  • बिक्री (Sales): 0.00 करोड़ रुपये

  • शुद्ध प्रवाह (Net Flow): 2.20 करोड़ रुपये

हालांकि यह आंकड़ा अपेक्षाकृत छोटा है, लेकिन शुद्ध सकारात्मक प्रवाह यह दर्शाता है कि FPI और FII निवेशक भारत में हाइब्रिड फंड्स में भी रुचि दिखा रहे हैं। यह रणनीति जोखिम को कम करने और विविध पोर्टफोलियो बनाए रखने की ओर इशारा करती है।

यह निवेश प्रवृत्ति दर्शाती है:

  • बाजार की अस्थिरता के बावजूद रिटर्न पाने की रणनीति

  • इक्विटी और डेट के बीच संतुलन बनाकर पोर्टफोलियो का स्थायित्व

  • लंबी अवधि के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विविध निवेश

6. म्यूचुअल फंड सेगमेंट: प्रोफेशनल मैनेजमेंट में विश्वास

म्यूचुअल फंड सेगमेंट विदेशी निवेशकों को भारतीय वित्तीय बाजारों में अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेने का अवसर देता है। यह निवेश विकल्प उन्हें भारतीय विशेषज्ञों द्वारा संचालित विविधीकृत पोर्टफोलियो में निवेश करने की सुविधा देता है।

22 मई 2025 को म्यूचुअल फंड सेगमेंट में गतिविधि रही:

  • खरीद (Purchases): 6.40 करोड़ रुपये

  • बिक्री (Sales): 0.22 करोड़ रुपये

  • शुद्ध प्रवाह (Net Flow): 6.18 करोड़ रुपये

हालांकि इस दिन 6.18  करोड़ की सकारात्मक गतिविधि दर्ज  की गई, यह सेगमेंट सामान्यतः उन निवेशकों के लिए प्रमुख रहता है जो सक्रिय ट्रेडिंग नहीं करना चाहते लेकिन फिर भी भारतीय बाजार में हिस्सा लेना चाहते हैं। यह अंतराल अस्थायी हो सकता है, और भविष्य में निवेशकों की भागीदारी बढ़ सकती है, विशेष रूप से जब म्यूचुअल फंड्स बेहतर प्रदर्शन करें।


7. AIF (वैकल्पिक निवेश फंड) सेगमेंट: उच्च नेट-वर्थ निवेशकों की पसंद

AIF सेगमेंट उन वैकल्पिक निवेश मार्गों को दर्शाता है जो पारंपरिक इक्विटी और डेट सेगमेंट से अलग हैं। यह सेगमेंट वेंचर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी, हेज फंड्स और विशेष परियोजनाओं में निवेश को दर्शाता है।

22 मई 2025 को AIF सेगमेंट में निवेश आंकड़े निम्नलिखित थे:

  • खरीद (Purchases): 0.00 करोड़ रुपये

  • बिक्री (Sales): 0.00 करोड़ रुपये

  • शुद्ध प्रवाह (Net Flow): 0.00 करोड़ रुपये

इस सेगमेंट में भी कोई गतिविधि नहीं देखी गई, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह क्षेत्र उच्च नेट वर्थ निवेशकों (HNIs) और संस्थानों के लिए अत्यधिक आकर्षक बना हुआ है। AIFs भारतीय अर्थव्यवस्था के अनछुए क्षेत्रों में पूंजी लाकर नवाचार और विकास को बढ़ावा देते हैं।

Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षणिक उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इसमें दी गई कोई भी जानकारी निवेश सलाह के रूप में नहीं मानी जानी चाहिए। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। इस लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के निजी हैं और यह किसी भी प्रकार की लाभ या हानि के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे। निवेश बाज़ार में जोखिम होता है। सोच-समझकर निर्णय लें। आपका लॉस या प्रॉफिट आपकी जिम्मेदारी । 


DATA SOURCE : WWW.NSDL.CO.IN
Thank you nsdl family 




NOTE : स्टॉक एक्सचेंज, ट्रेडिंग सदस्यो द्वारा T दिवस पर ट्रेडिंग गतिविधियों के दौरान उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर अनंतिम FII/FPI व्यापार डेटा संकलित करते हैं। पुष्टि किए गए FII/FPI ट्रेडों के संबंध में डेटा कस्टोडियन द्वारा डिपॉजिटरी को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के आधार पर संकलित किया जाता है, जिसमें पिछले ट्रेडिंग दिवस (दिनों) तक FII/FPI द्वारा किए गए ट्रेड शामिल होते हैं। -  NSDL



Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!