` टिटागढ़ रेल सिस्टम्स को मिला ₹467.25 करोड़ का मेगा ऑर्डर, भारत की समुद्री खोज को मिलेगा नया विस्तार
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टिटागढ़ रेल सिस्टम्स को मिला ₹467.25 करोड़ का मेगा ऑर्डर, भारत की समुद्री खोज को मिलेगा नया विस्तार

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🛳️ टिटागढ़ रेल सिस्टम्स को मिला ₹467.25 करोड़ का मेगा ऑर्डर, भारत की समुद्री खोज को मिलेगा नया विस्तार

🔷 टिटागढ़ को मिला अब तक का सबसे बड़ा जहाज़ निर्माण अनुबंध

22 अगस्त 2025 को कोलकाता में टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) ने अपने शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम सिस्टम्स डिवीजन के माध्यम से ₹467.25 करोड़ का अनुबंध प्राप्त किया। यह ऑर्डर गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा दो विशेष कोस्टल रिसर्च वेसल्स (CRVs) के निर्माण, परीक्षण और सुपुर्दगी के लिए दिया गया है।

🌊 समुद्री विज्ञान में भारत की क्षमता को मिलेगा नया आयाम

ये जहाज़ समुद्री तल की संरचना, महासागरीय संसाधनों और पर्यावरणीय स्थिरता पर गहन अध्ययन के लिए बनाए जा रहे हैं। इनका डिज़ाइन वैज्ञानिकों को अपतटीय क्षेत्रों में वास्तविक समय में विश्लेषण करने और दीर्घकालिक अनुसंधान अभियानों को संचालित करने में सक्षम बनाएगा।

🏗️ TRSL की तकनीकी दक्षता और गौरवशाली इतिहास

TRSL ने पूर्व में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) के लिए भी रिसर्च वेसल्स का निर्माण किया है, जिन्हें राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू जैसे प्रतिष्ठित आयोजन में प्रदर्शित किया गया था जो आमतौर पर रक्षा जहाज़ों के लिए आरक्षित होता है।

🗣️ प्रबंधन की प्रतिक्रिया: रणनीतिक साझेदारी और नवाचार की प्रतिबद्धता

TRSL के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री उमेश चौधरी ने इस अनुबंध को GRSE के साथ दीर्घकालिक सहयोग का प्रमाण बताया। उन्होंने ICGS कमला देवी और MV माेक्ट्स का उल्लेख करते हुए कहा कि यह साझेदारी भारत की समुद्री अवसंरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

🇮🇳 सरकार की योजनाओं के अनुरूप टिटागढ़ की भूमिका

TRSL भारत सरकार की योजनाओं जैसे कि नेशनल शिपबिल्डिंग मिशन, मैरीटाइम डेवलपमेंट फंड और शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस पॉलिसी के अनुरूप कार्य कर रही है। कंपनी नवाचार, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के माध्यम से भारत को वैश्विक जहाज़ निर्माण केंद्र बनाने की दिशा में अग्रसर है।

📈 निष्कर्ष: भारत की समुद्री शक्ति को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम

यह अनुबंध न केवल TRSL की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि भारत की समुद्री अनुसंधान और जहाज़ निर्माण को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे लाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।

Desclemer (अस्वीकरण):

यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। । शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। आपका लॉस या प्रॉफिट आपकी जिम्मेदारी।

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