📈 FII/FPI and DII Trading Activity and Nifty closing data graph| NSE,BSE ,MSEI रिपोर्ट
FII, DII and Nifty Closing Chart 13 August to 22 August
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chart में 🔴 रेड लाइन दिख रही है जो Fii data की है।
chart में 🟢 ग्रीन लाइन दिख रही है जो Dii data की है।
chart में 🔵 ब्ल्यू लाइन दिख रही है जो Nifty closing data की है।
graph में आप देख सकते है की 22 तारीख को fii,dii दोनों ने अपने निवेश घटता हुआ दिखाई दे रहा है और निफ्टी की लाइन भी डाउन हुई।
13 से 22 अगस्त तक बाजार में विदेशी और घरेलू निवेशकों की चाल ने निफ्टी की दिशा तय की
बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की गतिविधियों ने उतार-चढ़ाव का माहौल बना दिया। विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी FII ने जहां बिकवाली का रुख अपनाया, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी DII ने बाजार को सहारा देने की कोशिश की। इस दौरान निफ्टी में भी हलचल देखने को मिली।
13 अगस्त को FII ने करीब 3644 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि DII ने 5623 करोड़ रुपये की खरीदारी की। निफ्टी 24619 पर बंद हुआ। अगले दिन यानी 14 अगस्त को भी FII ने 1926 करोड़ की बिकवाली की, लेकिन DII ने 3895 करोड़ रुपये का निवेश किया। निफ्टी थोड़ा बढ़कर 24631 पर बंद हुआ।
18 अगस्त को FII ने पहली बार 550 करोड़ रुपये की खरीदारी की, और DII ने 4103 करोड़ रुपये का निवेश किया। निफ्टी ने इस सकारात्मक माहौल में 24876 का स्तर छू लिया। 19 और 20 अगस्त को FII ने फिर बिकवाली की, लेकिन DII ने लगातार निवेश जारी रखा। नतीजतन, निफ्टी 25050 तक पहुंच गया।
21 अगस्त को FII ने 1246 करोड़ रुपये की खरीदारी की और DII ने भी 2546 करोड़ रुपये का निवेश किया। निफ्टी 25083 पर बंद हुआ, जो सप्ताह का उच्चतम स्तर था। लेकिन 22 अगस्त को FII ने फिर से 1622 करोड़ रुपये की बिकवाली की और DII ने भी 329 करोड़ रुपये निकाले। इसका असर निफ्टी पर पड़ा और वह गिरकर 24870 पर बंद हुआ।
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आज का बाजार अपडेट - 23 अगस्त 2025, शनिवार
आज शनिवार होने के कारण दुनिया भर के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज -जैसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ, टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज और अन्य - सप्ताहांत की छुट्टी पर बंद हैं। इसलिए आज के दिन कोई लाइव ट्रेडिंग डेटा या बाजार की चाल उपलब्ध नहीं है।
आने वाले सप्ताह के लिए प्रमुख वैश्विक घटनाएँ जो बाजार को प्रभावित कर सकती हैं
जैक्सन होल में यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक
निवेशकों की निगाहें फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण पर टिकी हैं। यदि सितंबर में ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिलते हैं, तो इससे वैश्विक बाजारों में लिक्विडिटी बढ़ सकती है और शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिल सकती है।
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव
दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बरकरार है। किसी भी नए टैरिफ या व्यापार नीति की घोषणा से वैश्विक सप्लाई चेन और बाजारों पर सीधा असर पड़ सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। यह उतार-चढ़ाव तेल आयातक देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े
अगले सप्ताह विभिन्न देशों से महंगाई दर, बेरोजगारी दर और GDP जैसे आर्थिक संकेतक जारी होंगे, जो बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
सोमवार को बाजार खुलने पर
सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही ताज़ा और विस्तृत अपडेट उपलब्ध होंगे।
📈 किस कंपनी को नया ऑर्डर मिला और किस कंपनी की बोर्ड मीटिंग है ?
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यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। । शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। आपका लॉस या प्रॉफिट आपकी जिम्मेदारी।