` FII Sector Rotation June 2025: कहाँ से निकासी, कहाँ निवेश?
आज का fii dii data और  कल nifty कैसा चलेगा?   Nifty  Prediction via FII DII Chart  Fii Top 3 sector

आज का fii dii data और कल nifty कैसा चलेगा? Nifty Prediction via FII DII Chart Fii Top 3 sector

FII Sector Rotation June 2025: कहाँ से निकासी, कहाँ निवेश?

Fiidiidatatoday.in
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FII sector rotation : जून 1–15, 2025 में प्रमुख outflow और inflow sector 


Introduction :

क्या आपने देखा कि जून के पहले पंद्रह दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने भारतीय इक्विटी मार्केट में बड़े स्तर पर पूंजी शिफ्ट की ? 


इस लेख में आप जानेंगे  :

- किन सेक्टर्स में सबसे अधिक निकासी (Outflow) हुई  

- किन सेक्टर्स में सबसे अधिक निवेश (Inflow) आया  

- FII सेक्टर रोटेशन क्यों और कैसे प्लान करते हैं  

Key Outflow Sectors

नीचे जो  तीन सेक्टर्स दिया है उनमें  सबसे FII  ने 1 JUNE  से  15 JUNE के बीच सबसे ज्यादा निकासी की है । :

सेक्टर  निकासी (₹ करोड़ में)

FMCG  3,626

Power  3,120

Consumer Durables  1,893


FMCG, Power और Consumer Durables में भारी निकासी का मतलब है कि FIIs ने इन साइक्लिकल या इनपुट-इंटेंसिव सेक्टर्स से अपनी अलोकन घटाई है।  


Key inflow Sectors

इन तीन सेक्टर्स में FII ने जून 1–15, 2025 के बीच सबसे अधिक निवेश किया:

- Financials: ₹4,685 करोड़  

- Chemicals: ₹1,405 करोड़  

- Oil, Gas & Consumable Fuels: ₹1,199 करोड़  


ये सेक्टर्स improvement balance  sheet, ग्लोबल डिमांड रिकवरी और अनुकूल नीतियों के चलते आकर्षित रहे।  


FII सेक्टर रोटेशन: क्यों करते हैं प्लानिंग?

1. आर्थिक चक्र के चरण  :

 Expansion के दौरान साइक्लिकल सेक्टर्स (Banks, Auto, chemical, health care) में अलोकन बढ़ाना  

 - Recession या अनिश्चितता में Defensives (FMCG, Pharma) को प्रोटेक्टिव अलोकन  


2. वैल्यूएशन और रिटर्न संभावनाएँ   

- सेक्टर P/E और P/B रेशियो में टेक्निकल और फंडामेंटल ब्रेकपोइंट खोजकर मूव करना  

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3. जोखिम प्रबंधन  

   - हेजिंग के लिए सेक्टर फ़्यूचर्स/ऑप्शंस का इस्तेमाल  

   - अलोकन बैलेंस रखने से स्थानीय और ग्लोबल शॉक्स में पोर्टफोलियो सुरक्षा  


4. थीमेटिक ट्रेंड और लिक्विडिटी  

   - क्लीन एनर्जी, इनफ्रास्ट्रक्चर या टेक्नोलॉजी जैसे लंबे समयावधि थीम पर फ़ोकस  

   - लिक्विड सेक्टर्स में टाइमिंग से इंट्री/एग्ज़िट  


5. मैक्रो-कैपिटल मूव्स  

   - FIIs किसी देश में अलोकन बढ़ाते/घटाते समय ग्लोबल फंड फ़्लो, ब्याज दरें और मुद्रा रेट्स ध्यान में रखते हैं  


निवेशकों के लिए टेक्टिकल सुझाव

- ट्रेंच अलोकेशन : बड़े निवेश को छोटे-छोटे हिस्सों (tranches) में विभाजित करके बाजार में एंट्री और एग्ज़िट कर सकते है। 

- सेक्टर ETFs: Financials ETF या Chemical Index Funds से तुरंत एक्सपोज़र लें  

- त्रैमासिक समीक्षा: पोर्टफोलियो का रिव्यू करते समय मैक्रो-इकोनॉमिक कैलेंडर को भी देखें  

आप फेब्रुअरी से june 15 तक का fii  ने जो sector wise investment किया उनका fii data graph देखने के लिए नीचे क्लिक करें।

FII/FPI का SECTOR WISE GRAPH AND ANALYSIS देखने के लिए यहां क्लिक करें।


निष्कर्ष :

FII सेक्टर रोटेशन आपको बताएगा कि बाज़ार के मूड और मैक्रो-इकोनॉमिक ट्रेंड किस दिशा में हैं। सही समय पर इनफ्लो और आउटफ़्लो का विश्लेषण कर आप

- सेक्टोरल अलोकन बेहतर बना सकते हैं  

- रिस्क को नियंत्रित कर सकते हैं  

- दीर्घकालिक रिटर्न दर को अधिकतम कर सकते हैं  


अपने निवेश रणनीति में इन इनसाइट्स को शामिल करके आप मार्केट मूव्स से एक कदम आगे रह सकते हैं।  


Disclaimer (अस्वीकरण) :

इस लेख  केवल सूचनात्मक और शैक्षिक उद्देश्य के लिए हैं। यह सामग्री किसी भी प्रकार की निवेश सलाह (Investment Advice), स्टॉक खरीद-बिक्री की सिफारिश, या वित्तीय योजना के रूप में न मानी जाए।आपका लॉस या प्रॉफिट आपकी जिम्मेदारी। जय हिंद।


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