*भारतीय बाज़ारों में 23 मई 2025 का विदेशी निवेश: FII data और FPI data का विस्तृत विश्लेषण
23 मई 2025 को भारत के वित्तीय बाज़ारों में विदेशी निवेश की दिशा और प्रवृत्ति ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि वैश्विक निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र बनाए हुए हैं। आज के FII (Foreign Institutional Investors) और FPI (Foreign Portfolio Investors) डेटा से यह आकलन किया जा सकता है कि विदेशी निवेशकों का रुख किस ओर झुका रहा — निवेश की ओर या निकासी की ओर।
इस विश्लेषण में हम 23 मई 2025 के दिन सात प्रमुख सेगमेंट्स में हुए विदेशी निवेश का एक समग्र और गहन विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं, जो बाजार में मौजूदा मनोदशा को समझने में सहायक सिद्ध होगा।
विदेशी निवेश का महत्व: एक परिचय
भारत, जो आज विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, विदेशी निवेशकों के लिए लगातार एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विदेशी निवेश — विशेष रूप से FII और FPI के रूप में — भारतीय पूंजी बाज़ार में तरलता, स्थिरता और विकास का स्रोत होता है।
जब वैश्विक निवेशक भारतीय बाज़ार में पूंजी का प्रवाह करते हैं, तो यह न केवल वित्तीय संसाधनों में वृद्धि करता है, बल्कि यह वैश्विक विश्वास को भी दर्शाता है। इसके विपरीत, विदेशी पूंजी का बहिर्गमन अक्सर बाज़ार में नकारात्मक धारणा और अस्थिरता उत्पन्न करता है। यही कारण है कि प्रत्येक दिन के FII data today और FPI data today को वित्तीय विश्लेषकों, निवेशकों और नीति निर्माताओं द्वारा बड़े ध्यान से देखा जाता है।
SEBI ने 2014 में विदेशी निवेश को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने के लिए FII और QFI को मिलाकर FPI (Foreign Portfolio Investor) के रूप में एकीकृत ढांचा तैयार किया। हालांकि तकनीकी रूप से अब सब FPI के अंतर्गत आते हैं, फिर भी “FII” शब्द का प्रयोग मीडिया और सामान्य संवाद में अब भी आम है।
23 मई 2025 का समग्र FII/FPI निवेश डेटा
कुल विदेशी खरीद: ₹13,504.63 करोड़
कुल विदेशी बिक्री: ₹22,119.49 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-8,614.86 करोड़ (नकारात्मक)
यह डेटा साफ तौर पर दर्शाता है कि विदेशी निवेशकों ने आज भारतीय बाज़ारों से बड़े पैमाने पर पूंजी निकाली है। यह शुद्ध बहिर्प्रवाह बाज़ार में मंदी की भावना को जन्म दे सकता है, खासकर तब जब वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और घरेलू कारक इस बहिर्गमन को और बढ़ा सकते हैं।
सेगमेंट-वार निवेश विश्लेषण (23 मई 2025)
अब आइए विश्लेषण करें उन सात प्रमुख सेगमेंट्स का जहाँ विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ केंद्रित रहीं।
1. इक्विटी (Equity) सेगमेंट
इक्विटी सेगमेंट भारतीय विदेशी निवेश का सबसे सक्रिय क्षेत्र है। यह सीधे स्टॉक्स और शेयरों में निवेश को दर्शाता है।
Stock exchange:
कुल खरीद: ₹11,832.24 करोड़
कुल बिक्री: ₹17,268.79 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-5,436.55 करोड़
इस क्षेत्र में आज काफी बड़ी बिकवाली देखी गई, जिससे यह स्पष्ट है कि विदेशी निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो से बड़ी मात्रा में पूंजी निकाली। यह संकेत देता है कि वे या तो लाभ बुक कर रहे हैं, या बाज़ार में संभावित गिरावट से पहले अपनी स्थिति घटा रहे हैं।
प्राइमरी मार्केट और अन्य:
कुल खरीद: ₹0.13 करोड़
कुल बिक्री: ₹0.00 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹+0.13 करोड़
इस क्षेत्र में निवेश नगण्य रहा, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आज कोई नई लिस्टिंग या बड़ी IPO गतिविधि नहीं थी।
इक्विटी उप-योग:
कुल खरीद: ₹11,832.37 करोड़
कुल बिक्री: ₹17,268.79 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-5,436.42 करोड़
यह आंकड़ा पूरे दिन के शुद्ध बिक्री का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो यह दर्शाता है कि आज के दिन विदेशी निवेशकों का प्रमुख फोकस इक्विटी सेगमेंट में निकासी पर रहा।
निष्कर्ष: क्या कहता है आज का विदेशी निवेश डेटा?
23 मई 2025 का FII और FPI डेटा यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशकों की रणनीति फिलहाल सतर्क है। इक्विटी में भारी बिकवाली, और समग्र रूप से ₹8,614.86 करोड़ का शुद्ध बहिर्प्रवाह यह इंगित करता है कि बाज़ार में अनिश्चितता है — चाहे वह वैश्विक आर्थिक संकेतक हों, घरेलू राजनीतिक या नीतिगत मुद्दे, या आगामी वित्तीय तिमाहियों को लेकर संदेह।
हालांकि यह अस्थायी हो सकता है, लेकिन ऐसे डेटा को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए जो अल्पकालिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक योजना के साथ बाजार में सक्रिय हैं।
2. Debt - General Limit (ऋण - सामान्य सीमा)
भारतीय ऋण बाज़ार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) की भागीदारी का यह सेगमेंट सामान्य सीमा के अंतर्गत किए गए निवेश को दर्शाता है। यह निवेश आमतौर पर सरकारी बांड, कॉरपोरेट डेट इंस्ट्रूमेंट्स और अन्य वित्तीय साधनों में किया जाता है।
स्टॉक एक्सचेंज में गतिविधि:
कुल खरीद (Gross Purchases): ₹262.32 करोड़
कुल बिक्री (Gross Sales): ₹990.07 करोड़
शुद्ध निवेश (Net Investment): ₹-727.75 करोड़
आज विदेशी निवेशकों ने स्टॉक एक्सचेंज में भारी बिक्री की, जिससे ₹727.75 करोड़ का शुद्ध बिक्री की गई। यह संकेत देता है कि निवेशकों ने मौजूदा डेट इंस्ट्रूमेंट्स से पूंजी निकाली है—संभवतः मुनाफावसूली, ब्याज दरों में बदलाव की आशंका, या वैश्विक आर्थिक वातावरण में अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए।
प्राइमरी मार्केट और अन्य गतिविधियां:
कुल खरीद: ₹302.12 करोड़
कुल बिक्री: ₹31.96 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹270.16 करोड़
यहाँ निवेश सकारात्मक रहा, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ निवेशक अभी भी भारतीय डेट बाज़ार की संभावनाओं को लेकर आश्वस्त हैं और नए जारी बांड्स में भागीदारी कर रहे हैं।
कुल योग (Sub-total):
कुल खरीद: ₹564.44 करोड़
कुल बिक्री: ₹1022.03 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-457.59 करोड़
निष्कर्ष: ऋण - सामान्य सीमा सेगमेंट में आज कुल ₹457.59 करोड़ का शुद्ध बहिर्प्रवाह हुआ। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशकों ने डेट सेगमेंट में सतर्कता बरती है। यह डेटा FPI data today के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है और बाज़ार की समग्र धारणा पर प्रभाव डाल सकता है।
3. Debt - VRR (वॉलंटरी रिटेंशन रूट)
Voluntary Retention Route (VRR) भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किया गया एक विशेष निवेश चैनल है, जिसके तहत विदेशी निवेशकों को कुछ निश्चित शर्तों के साथ भारतीय डेट सिक्योरिटीज़ में निवेश की अनुमति दी जाती है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक और प्रतिबद्ध निवेश को प्रोत्साहित करना है।
स्टॉक एक्सचेंज में VRR गतिविधि:
कुल खरीद: ₹69.82 करोड़
कुल बिक्री: ₹370.44 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-300.62 करोड़
आज VRR के अंतर्गत स्टॉक एक्सचेंज में भी उल्लेखनीय बिकवाली देखी गई, जिससे ₹300.62 करोड़ का शुद्ध बहिर्प्रवाह सामने आया। यह परिदृश्य विदेशी निवेशकों की सावधानी को दर्शाता है, जो शायद वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कारण है।
प्राइमरी मार्केट और अन्य:
कुल खरीद: ₹332.67 करोड़
कुल बिक्री: ₹15.54 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹317.13 करोड़
हालाँकि, प्राइमरी मार्केट में VRR के ज़रिए निवेश उत्साहजनक रहा। यह नए VRR कोटा आवंटन या भारतीय बॉन्ड्स में निवेश के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
कुल योग (Sub-total):
कुल खरीद: ₹402.49 करोड़
कुल बिक्री: ₹385.98 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹16.51 करोड़
निष्कर्ष: आज VRR सेगमेंट में ₹16.51 करोड़ का मामूली लेकिन सकारात्मक शुद्ध निवेश देखा गया। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक VRR जैसी स्थिर और संरचित योजनाओं में दीर्घकालिक निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह निवेश भारतीय ऋण बाज़ार की दीर्घकालिक स्थिरता और आकर्षण को बल देता है।
4. ऋण - फुली एक्सेसिबल रूट (Debt - Fully Accessible Route, FAR)
फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) भारत सरकार द्वारा पेश किया गया एक विशेष मार्ग है, जिसका उद्देश्य विदेशी निवेशकों को भारतीय सरकारी बॉन्ड में बिना किसी सीमा के निवेश करने की सुविधा देना है। इस रूट के तहत केवल कुछ विशेष सरकारी प्रतिभूतियाँ (Securities) पूरी तरह से विदेशी निवेश के लिए खुली होती हैं।
स्टॉक एक्सचेंज में गतिविधि:
कुल खरीदारी (Gross Purchases): ₹644.10 करोड़
कुल बिक्री (Gross Sales): ₹3,155.84 करोड़
शुद्ध निवेश (Net Investment): ₹-2,511.74 करोड़
स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से FAR सेगमेंट में सबसे अधिक बिकवाली देखी गई, जिससे ₹2,511.74 करोड़ का भारी शुद्ध बहिर्प्रवाह हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि विदेशी निवेशकों ने बड़ी संख्या में सरकारी प्रतिभूतियाँ बेचीं हैं।
प्राइमरी मार्केट और अन्य:
इस श्रेणी में कोई गतिविधि नहीं हुई।
FAR उप-योग:
कुल खरीदारी: ₹644.10 करोड़
कुल बिक्री: ₹3,155.84 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-2,511.74 करोड़
FAR सेगमेंट में इतना बड़ा बिक्री की आज fii ने आज के FII डेटा (today FII data) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो संभावित रूप से भारतीय बॉन्ड यील्ड पर दबाव बना सकता है।
5. हाइब्रिड सेगमेंट (Hybrid)
हाइब्रिड निवेश ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो इक्विटी और ऋण दोनों का मिश्रण होते हैं, जैसे कनवर्टिबल बॉन्ड या अन्य संयुक्त निवेश साधन।
स्टॉक एक्सचेंज में गतिविधि:
कुल खरीदारी: ₹20.14 करोड़
कुल बिक्री: ₹256.99 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-236.85 करोड़
इस सेगमेंट में ₹236.85 करोड़ का शुद्ध बिक्री देखी गई।
प्राइमरी मार्केट और अन्य:
कोई लेन-देन नहीं हुआ।
हाइब्रिड उप-योग:
कुल खरीदारी: ₹20.14 करोड़
कुल बिक्री: ₹256.99 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-236.85 करोड़
6. म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड्स सेगमेंट दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारत में म्यूचुअल फंड योजनाओं के माध्यम से कैसे निवेश कर रहे हैं। यह अप्रत्यक्ष निवेश का एक मार्ग है, जिससे वे विभिन्न संपत्तियों में हिस्सेदारी बना पाते हैं।
इक्विटी स्कीमें:
खरीदारी: ₹16.53 करोड़
बिक्री: ₹0.00 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹16.53 करोड़
ऋण स्कीमें:
खरीदारी: ₹14.00 करोड़
बिक्री: ₹22.50 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-8.50 करोड़
हाइब्रिड स्कीमें:
खरीदारी: ₹1.88 करोड़
बिक्री: ₹4.67 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹-2.79 करोड़
समाधान-उन्मुख स्कीमें:
कोई गतिविधि नहीं।
अन्य स्कीमें:
खरीदारी: ₹8.68 करोड़
बिक्री: ₹2.69 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹5.99 करोड़
म्यूचुअल फंड उप-योग:
कुल खरीदारी: ₹41.09 करोड़
कुल बिक्री: ₹29.86 करोड़
शुद्ध निवेश: ₹11.23 करोड़
कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड्स सेगमेंट में ₹11.23 करोड़ का मामूली शुद्ध अंतर्प्रवाह दर्ज किया गया, जो यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक विविधता की रणनीति अपनाकर अभी भी भारतीय बाजार में विश्वास जता रहे हैं। यह FPI data का एक दिलचस्प संकेतक है।
7. AIFs (अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स): निवेश का एक वैकल्पिक मार्ग
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) ऐसे निवेश फंड होते हैं जो पारंपरिक निवेश जैसे स्टॉक्स या बॉन्ड्स की बजाय विशेष रणनीतियों और विकल्पों के माध्यम से पूंजी का आवंटन करते हैं। ये फंड अक्सर जोखिम-समायोजित रिटर्न की तलाश में होते हैं और लंबी अवधि के दृष्टिकोण को अपनाते हैं।
आज की स्थिति: 23 मई 2025
1. स्टॉक एक्सचेंज गतिविधि:
Gross Purchases: ₹0.00 करोड़
Gross Sales: ₹0.00 करोड़
Net Investment: ₹0.00 करोड़ निष्कर्ष: AIFs द्वारा आज स्टॉक एक्सचेंज में कोई ट्रेडिंग गतिविधि दर्ज नहीं की गई।
2. प्राइमरी मार्केट और अन्य:
Gross Purchases: ₹0.00 करोड़
Gross Sales: ₹0.00 करोड़
Net Investment: ₹0.00 करोड़ निष्कर्ष: इस क्षेत्र में भी कोई निवेश गतिविधि नहीं देखी गई।
3. उप-योग (Sub-total):
Net Investment: ₹0.00 करोड़ संक्षेप में: आज AIFs सेगमेंट पूरी तरह निष्क्रिय रहा। इससे संकेत मिलता है कि विदेशी निवेशकों ने इस वर्ग के अंतर्गत कोई बड़ा लेनदेन नहीं किया।
FII और FPI डेटा: 23 मई 2025 की बड़ी तस्वीर
आज का दिन भारतीय शेयर बाज़ार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। कुल ₹-8614.86 करोड़ का शुद्ध बहिर्प्रवाह (Net Outflow) दर्ज किया गया — जो बाज़ार में अस्थिरता और विदेशी निवेशकों की सतर्कता का संकेत देता है।
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प्रमुख अवलोकन
इक्विटी सेगमेंट से सबसे अधिक निकासी ₹-5436.42 करोड़ का शुद्ध बहिर्प्रवाह इस बात को दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों से मुनाफावसूली कर रहे हैं या जोखिम से बचने की नीति अपना रहे हैं।
ऋण बाजार (Debt Market) पर दबाव विशेष रूप से FAR (Fully Accessible Route) से ₹-2511.74 करोड़ की निकासी यह दर्शाती है कि सरकारी बॉन्ड्स से भी विदेशी पूंजी बाहर निकाली जा रही है, जिससे बॉन्ड यील्ड में वृद्धि हो सकती है।
VRR में हल्की सकारात्मकता ₹+16.51 करोड़ का अंतर्प्रवाह बताता है कि कुछ निवेशक अब भी दीर्घकालिक भरोसे के साथ VRR के माध्यम से भारतीय ऋण बाज़ार में मौजूद हैं।
म्यूचुअल फंड से सीमित अंतर्प्रवाह ₹+11.23 करोड़ का अंतर्प्रवाह यह इंगित करता है कि विदेशी निवेशक भारतीय परिसंपत्तियों में अप्रत्यक्ष रूप से रुचि रखते हैं।
संभावित कारण
वैश्विक परिस्थितियाँ: अमेरिका और अन्य विकसित देशों में ब्याज दरों में वृद्धि, भू-राजनीतिक अनिश्चितता, या मंदी की आशंका निवेशकों को सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर मोड़ सकती है।
घरेलू कारक: नीतिगत अनिश्चितताएँ, चुनावी माहौल या कॉर्पोरेट आय में निराशाजनक प्रदर्शन भी निवेशकों की धारणा पर प्रभाव डाल सकते हैं।
पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग: निवेशक अपने अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो में भारत की हिस्सेदारी को पुनः संतुलित कर सकते हैं।
मुनाफावसूली: हाल की तेज़ी के बाद मुनाफा बुक करने की प्रवृत्ति।
संभावित नतीजे: आगे क्या?
बाज़ार में अस्थिरता: इतनी बड़ी विदेशी पूंजी निकासी से इंडेक्स में अस्थिरता बढ़ सकती है। घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की भूमिका अहम होगी।
रुपये पर दबाव: डॉलर की निकासी से रुपये की विनिमय दर पर दबाव पड़ सकता है।
सरकारी उधारी महंगी हो सकती है: बॉन्ड यील्ड में वृद्धि से सरकार के लिए उधार लेना अधिक महंगा हो सकता है।
निवेशक भावनाओं पर असर: निरंतर बिक्री से निवेशकों की धारणा कमजोर हो सकती है, जिससे नए निवेश घट सकते हैं।
निष्कर्ष
23 मई 2025 को विदेशी निवेशकों द्वारा किए गए भारी बहिर्प्रवाह ने भारतीय वित्तीय बाज़ार में हलचल पैदा कर दी। विशेष रूप से इक्विटी और FAR सेगमेंट में तीव्र निकासी ने बाज़ार की संवेदनशीलता को उजागर किया।
हालांकि, VRR और म्यूचुअल फंड में दर्ज किए गए मामूली अंतर्प्रवाह यह दर्शाते हैं कि विदेशी निवेशकों का दीर्घकालिक विश्वास अभी पूरी तरह डगमगाया नहीं है।
आने वाले दिनों में, सभी की नज़र वैश्विक संकेतकों, घरेलू नीति निर्णयों और अगले FII data and FPI data पर होगी। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं और दीर्घकालिक मूलभूत विश्लेषण पर आधारित निर्णय लें।
सरकार और नीतिनिर्माताओं को भी विदेशी निवेशकों के विश्वास को बहाल करने के लिए प्रगतिशील और स्थिर नीतियाँ बनानी होंगी ताकि भारत निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रहे।
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*NOTE : स्टॉक एक्सचेंज, टी दिवस पर ट्रेडिंग गतिविधियों के दौरान ट्रेडिंग सदस्यों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर अनंतिम FII/FPI व्यापार डेटा संकलित करते हैं। पुष्टि किए गए FPI /FII ट्रेडों के संबंध में डेटा कस्टोडियन द्वारा डिपॉजिटरी को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के आधार पर संकलित किया जाता है, जिसमें पिछले ट्रेडिंग दिवस (दिनों) तक एफआई/एफपीआई द्वारा किए गए ट्रेड शामिल होते हैं - NSDL
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जय हिंद ।